मेरे दोस्त, ये कहानी तब की है जब मैंने 12वीं की पढ़ाई खत्म की थी और मेरा एडमिशन दूसरे प्रदेश में होने वाला था।
मेरी एक गर्लफ्रेंड थी जो मेरे घर के सामने रहती थी। उसका नाम मीरा था.
घर पास होने की वजह से हम कभी एक सीमा से आगे नहीं बढ़ पाते थे। मतलब हम दोनो एक दूसरे से चुप कर मिलते थे और सिर्फ चुम्माचट्टी और एक दूसरे के बदन को सहलाने तक ही खेल हो पाता था।
हम दोनों के अंदर ही सेक्स करने की आग भड़क रही थी। किस तरह से इस आग को बुझाया जाए, इसको लेकर हम दोनों की आंखें एक दूसरे से सवाल करती रहती थीं।
एक दिन दोपहर का वक्त था जब मेरी जीएफ सेक्स लव स्टोरी बन गई।
मैं अपने कमरे में अकेला बैठा हुआ था और उसका वक्त मेरी गर्लफ्रेंड मीरा कुछ काम से मेरे घर आई थी।
वो आई तो थी मुझसे मिलने ही लेकिन किसी काम का बहाना लेकर आई थी। उस दिन गर्मी ज्यादा होने की वजह से मुख्य बाथरूम से नहा कर बाहर निकला था।
मैं भी उसे घर में आता देख कर खुद को तयार करने लगा ताकी उसके साथ कुछ प्यार के पल बिताने का आनंद ले सकूं।
मेरा घर दो मंजिल है. नीचे वाले हिसों में मेरे घर वाले सो रहे थे। वो आती ही उसका समय था जब मेरे घर में मम्मी दादी आदि सो रही थीं। वो उन्हें सोते देख कर ऊपर आ गई।
जब वो आई तो हमें वक्त मैंने नहा कर आने के बाद अब तक कपड़े नहीं पहने थे; बस अंडरवियर के ऊपर तौलिया लपेटा हुआ था, ऊपर से नंगा ही था।
वो मेरे कमरे में आई और मुझे देखते ही मुझसे लिपट गई। इतना करीब उसको महसूस करके मुझे भी कुछ कुछ होने लगा था।
मेरे अंडरवियर में हलचल होने लगी थी, जिसे हम दोनों महसूस कर सकते थे।
उसने अपनी जांघ से मेरे लंड पर दबाव बनाया। मुझसे भी अब कंट्रोल नहीं हो रहा था।
मैंने उसके होठों पर अपने होंठ लगा दिए और करीब 5 मिनट तक हम दोनों में किस चलती रही।
उसके बाद मैंने कमरे का दरवाजा लगा दिया और कुंडी लगा दी।
वो वापस मेरे सीने से लग गई।
हमारी सांसें बहुत तेज़ हो चुकी थीं। हम दोनो एक दूसरे की धड़कनें साफ साफ सुन सकते थे।
एक दूसरे के होठों को चूस चूस कर हम दोनों का बुरा हाल हो रहा था।
किस करते-करते मेरा हाथ उसके मम्मों पर चला गया। ऊपर से ही मैंने उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया और वो पागल-होश हुई जा रही थी।
उस समय उसके निपल बहुत टाइट हो चुके थे, बाहर से ही निप्पल नज़र आ रहे थे। मैंने उसके स्तन दबाते हुए ज़ोर से निप्पल मसल दिए… उसकी ज़ोर से आह निकल गई।
जैसा ही मैंने हाथ अंदर डालना चाहा, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मन करने लगी। लेकिन उत्तेजना इतनी चरम पर थी कि मैं रुका ही नहीं।
मैंने किस करते हुए दूसरे हाथ से दोनों स्तन एक साथ दबा दिए।
अब वो खुद आप पर नियंत्रण नहीं रख पा रही थी। उसने भी मेरा लंड पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया और इस बार मेरे मुँह से ज़ोर की गाल निकल गयी।
उसने मेरा तौलिया गिरा दिया और अंडरवियर के ऊपर से ही लंड को सहलाने लगी।
मेरा लंड अब जवाब दे रहा था, नसेन फूल रही थी और थोड़ी देर पहले का मुरझाया हुआ लंड अब सलामी दे रहा था।
मैंने उसका टॉप उतार दिया. वो काली ब्रा में गजब लग रही थी।
उसकी पागल जवानी देख कर मुझे लग गया था कि कहीं मेरा लंड पानी न छोड़ दे।
मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से हाय स्तन दबाना चालू रखा। मम्मों को बहस हुए ही हाथ अंदर डाला और एक निप्पल को पकड़ लिया।
अब वो गिड़गिड़ाने लगी – आह… दर्द हो रहा है… धीमे से दबाओ। लेकिन मुझे अब रुकना नामुमकिन सा लग रहा था।
मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके स्तन आज़ाद हो गए। मैं उसके एक चूचुक को मुँह में लेकर चुनने लगा और दूसरे दूध को हाथ से दबाते हुए मरोड़ने लगा।
वो कामुक सिस्कारियां ले रही थी. वो अपने निप्पल के दाने को मेरी जुबान से लाइकलिक करता हुआ देख कर अपना होश खो रही थी।
एक तरफ का दूध लाल हो चुका था अब बारी दूसरे वाले गुब्बारे की थी। दूसरे का भी वही हाल होने वाला था।
इसी बीच मैंने उसकी पैंट खोल दी और अंदर हाथ डाल दिया। पैंटी के ऊपर जैसे ही चूत पर हाथ रखा, पूरी चूत पानी पानी हो रही थी।
वक़्त बहुत कम था. मैंने फटाफट से उसकी पैंट और पैंटी डोनो निकाल दी। उसने भी मेरा अंडरवियर खींचा और निकाल दिया।
मैंने इशारा किया कि मुंह में ले लो। उसने मुंह में लेने के लिए मन कर दिया और मैंने ज्यादा फोर्स भी नहीं किया।
उसको दीवार के सहारे से लगा कर मैं पीछे से उसके मम्मों को दबाने लगा।
अब वो तड़प रही थी और काहे जा रही थी – आह डाल दो डाल दो। जीएफ सेक्स लव चाह रही थी, वो बार-बार रिक्वेस्ट करने लगी।
मुझसे भी अब रहा नहीं गया और मैंने उसकी गीली चूत पर लंड रख दिया। हम दोनों का ही ये पहली बार था, तो डर भी लग रहा था।
जैसा ही लंड का आगे का हिस्सा अंदर गया, उसकी चीख निकल गई। मैंने उसके मुंह को दबा दिया ताकि आवाज बाहर न आये।
उसकी आंख से आंसू निकल रहे थे। लेकिन उसने बोला कुछ नहीं.
उसकी चूत लगतर पानी छोड़ रही थी और चूत का रस लंड के लिए चिकनाई का काम कर रहा था।
शांत होने के बाद मैंने फिर से धक्का लगाया और इस बार आधा लंड अंदर जा चूका था।
चूत से खून निकलता देख कर दोनों डर गए लेकिन इस वक्त दोनों पर ही वासना हावी थी।
अब और देर ना करते हुए मैंने फिर से लंड को धक्का लगाया और इस बार पूरा लौड़ा चूत के अंदर जा चूका था।
चुदाई का खेल शुरू हो गया. उसके छोटे छोटे मगर वो आगे पीछे हिल रहे थे जो मेरी वासना को और ज्यादा भड़का रहे थे।
दस मिनट की ज़ोर-दार चुदाई के बाद अब लंड जवाब देने वाला था। मैंने लंड बाहर निकाल कर उसके मुँह में दे दिया।
उसने इस बार मन नहीं किया और चाटने लगी। लंड का पानी निकलने को हुआ तो उसने मुंह से हटा कर अपने मम्मों पर कर दिया और मैंने सारा वीर्य उसके मम्मों पर गिरा दिया।
हम दोनों पसीने से काफी भीग चुके थे और एक दूसरे की सांसें सुन रहे थे। डोनो का ही ये पहला अनुभव था।
वोह खुश थी कि उसने अपने काम को पूरा कर लिया था। फिर उसने जल्दी से मेरी तौलिया उठाई और उसे अपनी चोट पोंछ कर तौलिया मेरी तरफ बढ़ा दी। मैने उसकी चूत के रस से सानी तौलिये को नाक से लगा कर सूंघा तो वो मुस्कुरा दी।
अब तक वो अपने कपड़े पहन चुकी थी और मुझसे भी कपड़े पहनने के लिए कह रही थी। मैंने चड्ढी पहन ली और एक लोअर और टी-शर्ट पहन ली।
वो एक बार फिर से मेरे सीने से लग गई और मुझे छूने लगी। मैंने उसके गाल को चूम कर कहा – अब तो आग और भड़क गई!
वो हंस दी और बोली – मौका देख कर फिर से बुझा लेना! ये कह कर वो कमरे का दरवाज़ा खोल कर नीचे की आहट लेने लगी।
नीचे अभी भी मम्मी दादी सो रही थीं तो वो मूड कर एक फ्लाइंग किस देती हुई अपने घर चली गई।
बाद में मैंने उसे कई बार पेला। पर जो पहली बार की चुदाई थी, वो आज भी नहीं भूल पाता हूँ।
दोस्तो, ये मेरी जिंदगी की पहली सेक्स कहानी है, जो मैंने अन्तर्वासना पर आपके साथ सांझ की है।